किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥ पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥ धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥ बुरी आदतें बाद मे और बड़ी हो जाती हैं - प्रेरक कहानी भक्त अपने जीवन https://travisrzcto.blogkoo.com/the-ultimate-guide-to-shri-shiv-chalisa-lyrics-49384584